
कैसे संवारेंगे ननिहालों का भविष्य, जब एक भी शिक्षक नहीं पहुंचेगा स्कूल, पूरे दिन स्कूल में लगा रहा ताला,
कैसे संवारेंगे ननिहालों का भविष्य, जब एक भी शिक्षक नहीं पहुंचेगा स्कूल, पूरे दिन स्कूल में लगा रहा ताला,
आगर मालवा : मध्य प्रदेश शासन की लाख कोशिशों के बाद भी सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है. आगर मालवा जिले के सुसनेर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले शासकीय प्राथमिक विद्यालय बंजारा खेड़ा मोड़ी में ग्राउंड रिपोर्ट के तहत पाया गया कि सुबह 10:30 बजे से ही स्कूल बंद रहा एक भी शिक्षक स्कूल में नहीं पहुंचे, विद्यालय के गेट पर तला जड़ा हुआ पाया गया, ऐसे में आप अंदाजा लगा सकेंगे कि किस तरह की लापरवाही बरती जा रही है। ऐसे में विद्यालय के छात्र छात्राओं का भविष्य किस तरीके से उज्जवल होगा।
ग्रामीणों ने बताया कि प्रतिदिन विद्यालय 11:30 से 12 बजे के बीच खुलता है। और कभी-कभी तो शिक्षक 03 बजे ही बच्चों की छूटी कर घर चले जाते हैं, हालात यह है कि बच्चे बैग टांगे स्कूल के ताला लगे गेट पर शिक्षकों का इंतजार करते रहते हैं और कई बार जब शिक्षक 12 बजे तक भी नहीं आते तो बच्चे वापस घर लौट जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई दिनों से विद्यालय में कोई सुधार नहीं हुआ। शिक्षा विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती। केवल नोटिस के नाम पर खानापूर्ति कर ली जाती है।
ग्रामीण राम लाल ने बताया कि हमारे गांव के स्कूल की हालत बहुत खराब है, मारसब समय पर स्कूल नहीं आते है, कभी मैडम स्कूल आती हैं तो कभी मारसाब स्कूल आते हैं, स्कूल कभी 11:30 बजे तो कभी 12 बजे स्कूल खेलते हैं, और आए दिन स्कूल 2 या 3 बजे ही बंद करके चले जाते हैं।
जब इस संबंध में जनपद शिक्षा केंद्र सुसनेर के अधिकारी राधेश्याम पाटीदार से दूरभाष पर चर्चा की गई तो उनके द्वारा कहा गया कि मैंने जांच करवाई है वास्तव 25 सितंबर गुरुवार को स्कूल नहीं खुला है, उन्होंने कहा कि वहां की एक महिला शिक्षक तो मेडिकल अवकाश है और एक पुरुष शिक्षक भेरूलाल रावल को स्कूल में जाना था पर वे क्यों नहीं गए इसकी जांच करवाई जा रही हैं, शिक्षक का एक दिन का वेतन काटने की कारवाई की जाएगी।
शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर आए दिन समाचार प्रकाशित किए जाते हैं लेकिन जिले की मुखिया द्वारा शिक्षा व्यवस्था को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिले की मुखिया ने हाल ही में दो सप्ताह पूर्व पदभार ग्रहण किया है जिससे लोगों में काफी उमंग है कि वह किस प्रकार उनकी कार्य शैली से लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाएंगी। अब देखना यह है कि शिक्षा व्यवस्था की इतनी लाचार व्यवस्था के संज्ञान में आने के बाद भी उनके द्वारा किस प्रकार ठोस कदम उठाए जाएंगे।
0 Response to "कैसे संवारेंगे ननिहालों का भविष्य, जब एक भी शिक्षक नहीं पहुंचेगा स्कूल, पूरे दिन स्कूल में लगा रहा ताला,"
Post a Comment